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(صفحهای تازه حاوی «{{جعبه اطلاعات شعر | عنوان =لب ما و قصۀ زلف تو چه توهمی چه حکایتی | تصویر = | توضیح تصویر = | نام شعر = | نام شاعر =قاسم صرافان | قالب = غزل | وزن = متفاعلن متفاعلن، متفاعلن متفاعلن | موضوع = امام مهدی(ع) | مناسبت = نیمه شعبان | زمان سرایش = معاصر | زبا...» ایجاد کرد) |
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{{ | {{سرصفحه | ||
| | | مطلع=لب ما و قصۀ زلف تو چه توهمی چه حکایتی | ||
| | | نام شعر= | ||
| | | شاعر = قاسم صرافان | ||
| | | مصحح = | ||
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| قالب = غزل | | بخشی از مجموعه اشعار = | ||
| وزن = متفاعلن متفاعلن، متفاعلن متفاعلن | |قالب =غزل | ||
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{{شعر}} | {{شعر}} | ||
{{ب|لب ما و قصۀ زلف تو چه توهمی چه حکایتی|تو و سر زدن به خیال ما، چه ترّحمی چه عنایتی} | {{ب|لب ما و قصۀ زلف تو چه توهمی چه حکایتی|تو و سر زدن به خیال ما، چه ترّحمی چه عنایتی} | ||
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{{ب|زد اگر کسی در خانهات، دل ماست کرده بهانهات|که به جستجوی نشانهات، ز سحر شنیده بشارتی}} | {{ب|زد اگر کسی در خانهات، دل ماست کرده بهانهات|که به جستجوی نشانهات، ز سحر شنیده بشارتی}} | ||
{{پایان شعر}} | {{پایان شعر}} | ||