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خط ۱: | خط ۱: | ||
{{ | {{سرصفحه | ||
| | | مطلع=ای از همه بریده بریده بریده تر | ||
| | | نام شعر= | ||
| | | شاعر = حبیب نیازی | ||
| | | مصحح = | ||
| | | بخشی از دیوان = | ||
| قالب = غزل | |قالب = غزل | ||
| وزن = | |وزن = مفعول فاعلات مفاعیل فاعلن | ||
| موضوع =حضرت عباس(ع) | |موضوع = حضرت عباس(ع) | ||
| | | قبلی = | ||
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| | | سال خورشیدی = | ||
| | | سال میلادی = | ||
| | | سال قمری = | ||
| یادداشت = | |||
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==متن شعر== | ==متن شعر== | ||
خط ۲۷: | خط ۲۵: | ||
{{ب|رنگِ تمام منتظرانت پریده است|اما رباب از همه رنگش پریده تر}} | {{ب|رنگِ تمام منتظرانت پریده است|اما رباب از همه رنگش پریده تر}} | ||
{{پایان شعر}} | {{پایان شعر}} | ||